मनुष्य की अधिकांश परेशानियां धन से जुड़ी होती हैं, आदि शंकराचार्य द्वारा एक ऐसे ही मंत्र की रचना की गयी थी, जिसके सही और नियमित उच्चारण से मां लक्ष्मी भी आपके ऊपर धन बरसाने के लिए विवश हो जाएंगी। इस मंत्र को कनकधारा स्तोत्र कहा जाता है, जिसके नियमित उच्चारण से आपके जीवन की धन संबंधी परेशानियां दूर हो जाएंगी या कभी आपके समीप आ ही नहीं पाएंगी। ऐसा कहा जाता है कि एक बार अद्वैत मत के जनक आदि शंकराचार्य भोजन की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे। एक महिला की नजर भिक्षा मांगते हुए उस बालक पर गई। उस महिला को बालक के प्रति अजीब सा खिंचाव महसूस हुआ। वह स्त्री बहुत निर्धन थी, उस बालक को कुछ भी अच्छा भोजन के लिए नहीं दे सकती, उस समय उसे अपने दुर्भाग्य पर बहुत क्रोध आ रहा था। आदि शंकराचार्य ने उस स्त्री से कहा कि जो भी उनके पास हैं, भले ही बहुत कम, लेकिन वह पर्याप्त है। उस स्त्री ने एकादशी का व्रत रखा हुआ था और उसके पास एक बेर के अलावा व्रत खोलने के लिए और कुछ नहीं था। उसने वह बेर भी शंकराचार्य के पात्र में डाल दिया। वहां से निकलते हुए शंकराचर्य ने लक्ष्मी जी के मंत्र का जाप किया और तभी अचानक वहा